Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 05 May 2020
रिवर्स माइग्रेशन
- प्रवास का तात्पर्य मानव समुदाय के एक भौगोलिक इकाई से दूसरी भौगोलिक इकाई में प्राकृतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक आदि कारकों के कारण होने वाले स्थानांतरण से है !
- भारत में विकास समान ना होने के कारण क्षेत्रीय विषमता और उसके कारण गरीबी और पिछड़ापन अलग-अलग रूप में पाया जाता है ! जिसके कारण काम की तलाश में मजदूर बड़ी संख्या में प्रवास करते हैं !
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में आंतरिक प्रवासियों की संख्या लगभग 45 करोड़ से अधिक है जो हमारी जनसंख्या का लगभग 37% है !
- यह प्रवास अल्पकालिक श्रमिक (Casual Workers ) अनौपचारिक ( Unorganised ) क्षेत्रों में सर्वाधिक होता है !
- एक अध्ययन के अनुसार बड़े नगरों की लगभग 29% आबादी दैनिक मजदूरी करने वालों की है ! इसी तरह 12-18 मिलियन स्ट्रीट वेंडर्स भी यही प्रवासी लोग हैं !
- अंतर राज्य प्रवासियों में 25% उत्तर प्रदेश, 14% बिहार से सर्वाधिक हैं ! इसके बाद मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उड़ीसा, असम जैसे राज्यों का है जहां से बड़ी संख्या में लोग दूसरे राज्यों में प्रवास करते हैं !
- दिल्ली महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों एवं सभी बड़े महानगर रोजगार के नजरिए से प्रवासियों को आकर्षक लगते हैं !
- यह प्रवासी मजदूर ही हर अर्थव्यवस्था का आधार होते हैं इसीलिए समाजवादी अर्थव्यवस्था में इनका योगदान सर्वाधिक माना जाता है ! हालांकि वर्तमान बाजारवादी अर्थव्यवस्था में यह सिर्फ संख्या एवं उत्पादन के एक अंग माने जाते हैं !
- एक प्रवासी श्रमिक उस व्यक्ति को माना जाता है जो असंगठित क्षेत्र में कार्य करने के लिए अपने गांव घर से बाहर जाता है ! यह श्रमिक सामान्यतः उस देश या क्षेत्र में स्थाई रूप से रहने का इरादा नहीं रखता है !
- आंतरिक प्रवास ( देश के अंदर ) करने वाले श्रमिकों की आय देश की GDP का लगभग 6% है जो इनकी संख्या ( 45 करोड़) की तुलना में नगण्य है ! इससे यह पता चलता है कि मजदूरी दर कम और सतत नहीं है !
- एक अनुमान के अनुसार यह श्रमिक अपनी आय का लगभग ⅓ आय अपने गांव और घर पर भेजते हैं जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती है !
- जब अर्थव्यवस्था में मांग की प्रवृत्ति होती है तो श्रमिकों को बोनस, इंक्रीमेंट आने-जाने का खर्च आदि जैसे प्रलोभन दिए जाते हैं !
- वर्तमान समय में लॉक डाउन के कारण यही समूह हाशिए पर है !
- इस समय यह समूह महानगरों और नगरों से अपने गांव कस्बे की ओर प्रवास कर रहा है ! और करना चाहता है जिसे रिवर्स माइग्रेशन (Reverse Migration ) कहा जाता है !
- रिवर्स माइग्रेशन से जहां मजदूर वर्ग अपने परिवार के साथ लॉक डाउन जैसे कठिन समय को काटना चाहता है वहीं बड़े औद्योगिक केंद्रों में इसे लेकर व्यापक चिंता का माहौल है !
- दरअसल लॉक डाउन के बाद तेजी से उत्पादन की मांग बढ़ सकती है और मजदूरों के न रहने पर समस्या भयावह हो सकती है !
- मजदूरों के वापस लौटने की संख्या कम होने के कारण यह और चिंताजनक हो जाता है !
- औद्योगिक गतिविधियां ही नहीं पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कृषि सेक्टर भी इससे प्रभावित होगा !
- दैनिक सेवा ( परिवहन, सफाई, स्ट्रीट वेंडर) भी प्रभावित होगी !
- रियल इस्टेट सेक्टर का पूरा दारोमदार इसी वर्ग पर होता है वह भी प्रभावित होगा !
- प्रवासी मजदूर अपने आय का जो हिस्सा अपने राज्य भेजते थे वह भी प्रभावित होगा तो साथ ही रिवर्स माइग्रेशन से पिछड़े राज्यों में बेरोजगारी बढ़ेगी !
- रोजगार का अभाव पिछड़े राज्यों में सामाजिक अपराध/ लूट, डकैती, भिक्षावृत्ति, देह व्यापार में वृद्धि ला सकता है !
- महिलाओं, बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है !
- बच्चों की शिक्षा पर आए कम होने का बहुत विपरीत प्रभाव पड़ेगा !
- मनरेगा और सरकारी सहायता और योजनाओं की मांग में वृद्धि होगी और सरकार का खर्च बढ़ेगा तो साथ ही भ्रष्टाचार भी !
- आने वाले समय में भारत का निर्यात प्रभावित होने से व्यापार अस्थिर हो सकता है और विदेशी मुद्रा भंडार कम हो सकता है !
गिलगिट बाल्टिस्तान में पाकिस्तान की नई चाल
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- सन 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय रियासतों के पास भारत या पाकिस्तान में मिलने या स्वतंत्र रहने का विकल्प अंग्रेजों द्वारा दिया गया था !
- जम्मू कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने स्वतंत्र रहने का विकल्प चुना !
- 21 अक्टूबर 1947 को कई हजार पश्तूनो ने पाकिस्तानी सेना के समर्थन में जम्मू कश्मीर पर हमला कर दिया !
- पाकिस्तानी सेना और पश्तूनो ने मुजफ्फराबाद और बारामुला के शहरों पर कब्जा कर लिया और श्रीनगर के समीप पहुंच गए !
- 24 अक्टूबर 1947 को हरि सिंह ने भारत से सैन्य मदद मांगी !
- भारत ने Instruments Of Accession Of Jammu and Kashmir पर हस्ताक्षर की शर्त रखी !
- 26 अक्टूबर को इस पर हस्ताक्षर हुआ इसके तुरंत बाद भारतीय सेना श्रीनगर पहुंच गई !
- भारत ने पाकिस्तान सेना से लड़ने के साथ इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाया ! जिसके बाद यथास्थिति बनाए रखने की बात दोनों देशों को कहा गया !
- इस दौरान पाकिस्तान ने जो जिले हथियाए थे वह उन्हीं के पास रह गए जिसे पाकिस्तान आजाद कश्मीर और हम पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर POK के नाम से पुकारते हैं !
- पाकिस्तान ने प्रशासनिक सुविधा के लिए POK को दो भागो आजाद जम्मू और कश्मीर और गिलगिट बाल्टिस्तान नामक दो क्षेत्रों में विभाजित कर दिया !
- POK की सीमाएं पाकिस्तानी पंजाब, अफगानिस्तान और चीन के जिनजियांग प्रांत से लगती है !
- पाकिस्तान के संविधान के अनुसार यह क्षेत्र ( आजाद जम्मू कश्मीर और गिलगिट बालटिस्तान) स्वायत्त क्षेत्र हैं !
- आजाद जम्मू कश्मीर का एक राष्ट्रपति और एक प्रधानमंत्री होता है वही गिलगिट बाल्टिस्तान का एक मुख्यमंत्री और गवर्नर होता है !
- गिलगिट बाल्टिस्तान में 1984 के बाद कोई भी पाकिस्तान का व्यक्ति जमीन खरीद सकता है इसके कारण यहां पाकिस्तान के लोगों का प्रवास ज्यादा हुआ है और स्वायत्तता में कमी आई है !
- यहां की एक बड़ी आबादी भारत समर्थक और पाकिस्तान विरोधी है !
- पाकिस्तान द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन की खबरें भी यहां से आए दिन आती रहती हैं !
- वर्ष 2018 में यहां एक सरकारी आदेश जारी कर स्थानीय परिषद के अधिकारों में कटौती कर दी गई ! यह अधिकारी स्थानीय मुद्दों पर निर्णय लेने से संबंधित थे !
- भारत हमेशा से इस प्रकार के पाकिस्तानी हरकतों का विरोध करता आया है और यहां पर हस्तक्षेप न करने की बात कहा है !
- वर्ष 2018 में लाए गए आर्डर में कई प्रकार के परिवर्तन करने की शक्ति पाकिस्तान कि सरकार को दी गई लेकिन यहां का चुनाव करने की शक्ति नहीं थी !
- हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह गिलगिट बाल्टिस्तान में मुख्यमंत्री के चुनाव की अनुमति प्रदान करें !
- पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गिलगिट बाल्टिस्तान चुनावों के लिए 2018 के आदेश में जरूरी बदलाव करने के साथ-साथ चुनाव कराने के आदेश दिए हैं !
- भारत ने इसका कड़ा विरोध किया है और वहां के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आपत्ति दर्ज की है !
- भारत ने स्पष्ट किया है कि यह क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है और भारत के क्षेत्र के विषय में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को आदेश देने का कोई हक नहीं है !
- पाकिस्तान के इस कदम के पीछे पाकिस्तान-चीन गठजोड़ को देखा जा रहा है ! यह दोनों चीन-पाकिस्तान इकोनमिक कॉरिडोर (CPEC) को संरक्षित करने के लिए भारतीय क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहे हैं !